➤ देहरा उप चुनाव में कमलेश ठाकुर की जीत हाईकोर्ट में चुनौती
➤ कोड ऑफ कंडक्ट के दौरान महिला मंडलों को बजट बांटने के आरोप
➤ भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह ने डॉक्यूमेंट्री एविडेंस के साथ याचिका तैयार की
हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा उप चुनाव अब अदालत के दरवाजे पर दस्तक देने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, जिन्होंने 10 जुलाई 2024 को हुए उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार होशियार सिंह को हराकर जीत दर्ज की थी, की सदस्यता को अब हाईकोर्ट में चुनौती मिलने वाली है।
भाजपा प्रत्याशी रहे होशियार सिंह का आरोप है कि चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस सरकार ने आचार संहिता (कोड ऑफ कंडक्ट) का उल्लंघन किया और कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के जरिए 67 महिला मंडलों को 50-50 हजार रुपए का बजट जारी किया। इसके अलावा, देहरा क्षेत्र की लगभग 1000 महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत तीन महीने की राशि सीधे उनके अकाउंट में डाली गई।
होशियार सिंह ने दावा किया कि उनके पास इस संबंध में डॉक्यूमेंट्री एविडेंस मौजूद है। उन्होंने आरटीआई के जरिए जानकारी हासिल की, जो विधानसभा में पूछे गए सवालों में सरकार ने छिपाने की कोशिश की थी। उनका कहना है कि अगर यह जानकारी समय पर मिलती, तो वे इसे इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) के पास शिकायत के तौर पर दर्ज करवा सकते थे। लेकिन कानूनन शिकायत की समय सीमा 45 दिन की होती है, और सरकार द्वारा सूचना छिपाने के कारण वे आयोग तक यह मामला नहीं पहुंचा सके।
इससे पहले भी यह मुद्दा विधानसभा के मानसून सत्र में गूंज चुका है। वोट फॉर कैश मामला विपक्ष लगातार उठाता रहा है। भाजपा विधायकों ने सदन में और बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाए कि चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया।
अब यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच रहा है और आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति पर इसका असर दिख सकता है। प्रदेशवासियों की निगाहें इस पर टिकी रहेंगी कि क्या अदालत कमलेश ठाकुर की जीत को बरकरार रखेगी या इसे अवैध घोषित कर देगी।
गौरतलब है कि होशियार सिंह ने इससे पहले हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को पत्र लिखकर कमलेश ठाकुर को छह साल के लिए अयोग्य ठहराने की मांग भी की थी।
यह मामला अब सियासत के साथ-साथ कानूनी पेचीदगियों में उलझ गया है और प्रदेश की राजनीति को हिला सकता है।



